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Saturday, February 6, 2010

जडी-बूटियाँ

इंदौर की जड़ी-बूटी विदेशी दवाओं में
भारत के इंदौर जिले का "औषधीय फसलों के उत्पादन में" नाम तेजी से आगे आ रहा है। यहाँ पैदा होने वाली अश्वगंधा, शतावर, कालमेघ और सफेद मूसली विदेशों तक जा रही है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्घति का चलन बढ़ने के कारण इन पौधों का उपयोग बड़े पैमाने पर विदेशों में दवाइयाँ बनाने में हो रहा है। केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट के तहत यहाँ कृषि महाविद्यालय में भी औषधीय पौधों की नई किस्मों पर शोध चल रहा है।

विलुप्ति की कगार पर है जड़ी-बूटियाँ


घरेलू नुस्खों में इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटियाँ अब बीते दिनों की बात होती जा रही हैं। ये जड़ी-बूटियाँ अब विलुप्त होने की कगार पर है। ये जड़ी-बूटियाँ बहुत महतवपूर्ण है 'हंसराज', 'कामराज', 'हरजोड़', 'वच', 'आंबा हल्दी', 'चित्रक' और 'कलिहारी' सरीखी औषधीय गुणों वाले तमाम पौधे गायब हो चुके हैं।

पवाड़ : एक उपयोगी वनस्पति

पवाड़ को पवाँर, जकवड़ आदि नामों से पुकारा जाता है। वर्षा ऋतु की पहली फुहार पड़ते ही इसके पौधे खुद उग आते हैं और गर्मी के दिनों में जो-जो जगह सूखकर खाली हो जाती है, वह घास और पवाड़ के पौधे से भरकर हरी-भरी हो जाती है। इसके पत्ते अठन्नी के आकार के और तीन जोड़े वाले होते हैं।

हरसिंगार के गुण भी सुंदर
हरसिंगार जिसे पारिजात भी कहते हैं, एक सुन्दर वृक्ष होता है, जिस पर सुन्दर व सुगन्धित फूल लगते हैं। इसके फूल, पत्ते और छाल का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। यह सारे भारत में पैदा होता है। परिचय : यह 10 से 15 फीट ऊँचा और कहीं 25-30 फीट ऊँचा एक वृक्ष होता है और देशभर में खास तौर पर बाग-बगीचों में लगा हुआ मिलता है।
मुलहठी के मीठे उपयोग

त्वचा रोगों में भी मुलहठी लाभकारी है। मुलहठी का लेप बनाकर इस्तेमाल किया जाता है। इससे त्वचा का रंग निखर आता है। त्वचा की जलन और सूजन दूर होती है। यौवन को बनाए रखने के लिए इसका भीतरी एवं बाहरी प्रयोग काफी लाभदायक होता है।

बर्फ के लाभकारी प्रयोग

  1. कड़वी दवाई खाने से पहले मुँह में बर्फ का टुकड़ा रख लें। दवाई कड़वी नहीं लगेंगी।
  2. अगर उल्टियाँ बंद नहीं हो रही हो तो बर्फ को चूसने से फायदा होगा।
  3. शरीर के किसी भाग का खून बहना बंद ना हो रहा हो तो उस पर बर्फ लगाने से खून तुरंत बंद हो जाता है।
  4. अगर फाँस चुभी है तो बर्फ लगाकर उतना हिस्सा सुन्न कर लें, काँटा या फाँस आसानी से निकल जाएगी।
  5. पैर की एडियों में तीखा दर्द हो तो बर्फ की क्यूब लगा लेने से आराम मिलेगा।
  6. अगर अधिक खाने की वजह से अजीर्ण हो रहा हो तो बर्फ खाएँ, खाना शीघ्र पच जाएगा।

मीठी शकर के गुणकारी नुस्खे

  1. बादाम को खराब होने से बचाने के लिए कंटेनर में रखने से पहले उसमें तीन-चार चम्मच शक्कर डाल दें, इससे सालों-साल बादाम खराब नहीं होंगे।
  2. यदि आप चाहते हैं कि फूलदान और गमलों का पानी जल्दी ना बदलना पड़ें तो लगभग 10-12 लीटर पानी में एक औंस हाइड्रोजन सल्फेट मिलाकर थोड़ी-सी चीनी डाल दें, इस घोल से फूल 15-20 दिनों तक ताजे बने रह सकते हैं।
  3. सर्दियों में फटे हाथ-पैरों के इलाज के लिए चीनी के शर्बत से उन्हें धोना चाहिए।कॉक्रोच कई बीमारियों के वाहक है, उनसे बचने के लिए दस ग्राम बोरिक एसिड पाउडर, एक बड़ा चम्मच चीनी, एक बड़ा चम्मच दही और एक बड़ा चम्मच गेहूँ के आटे को मिलाकर गोलियाँ बनाएँ, अब इन गोलियों को अलमारी या फ्रिज में रखें कॉक्रोच नहीं आएँगे।

छोटी इलायची के घरेलू नुस्खे

इलायची एक मह्तावेपूर्ण चीज़ है | इस का चूर्ण एक माह तक या इसके तेल की 5 बूँद अनार के शर्बत के साथ पीने से जी घबराने और उल्टियाँ होने जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। यह इलाज हैजा में भी लाभकारी है। इलायची के 5 तोला बीज, बादाम और पिस्ता के साथ भिगोकर महीन पीस लें। इसे दूध में पकाएँ जब गाढ़ा हो जाए तो 3 पाव मिश्री मिलाकर धीमी आँच में पकने दें। जब हलवा जैसा हो जाए तो सेवन करें। इससे आँखों की कमजोरी दूर होती है। स्मरण शक्ति बढ़ती है। इलायची बीज का चूर्ण और इसबगोल की भूसी समभाग में मिलाएँ और आँवले के रस में यह मिश्रण डाल कर बेर जैसी गोलियाँ बना लें। एक-एक गोली सुबह-शाम गाय के दूध से लें। इसके सेवन से स्वप्नदोष की समस्या दूर होती है।

सुहागा : असरकारक औषधि

(सोमवार 1 फरवरी 2010)
मुँह में छाले होने पर सुहागा के पानी से कुल्ला करने से तुरंत असर होगा। मुँह और गले की सूजन में इसे पानी में औटाकर गरारे करने चाहिए तत्काल फायदा होता है। मसूढ़े के घाव में काली मिर्च के साथ पीसकर लगाने से घाव शीघ्र भर जाते हैं। भूख ना लगने पर 1/2 माशा फूला सुहागा 1 कप गुनगुने जल में दिन में दो या तीन बार लेना फायदेमंद होता है। त्वचा की खुजली पर सुहागे का पानी लगाना चाहिए। नींबू के रस में मिलाकर सुहागा लगाने से एग्जिमा समाप्त होता है। लगभग तीन तोला फूला सुहागा चार तोले शहद में मिलाकर प्रतिदिन लेने से दमा रोग मिटता है।